सब यही पड़ा रह जाएगा
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ॥
सब यहीं, पड़ा, रह जाएगा ।
हरि राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितने भी, बाग़ लगा ले ॥
एक, पत्ता भी, संग, नहीं जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितने भी, ताल खुदवा ले ॥
एक, बूंद, नहीं, ले जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितने भी, महल बना ले ॥
एक, पत्थर भी, संग, नहीं जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितनी भी, माया जोड़ लें ॥
एक, रूपया भी, संग, नहीं जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितने भी, गहने बना ले ॥
एक, रत्ती भी, संग, नहीं जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
चाहे, कितनी भी, काया सँवार ले ॥
सब, मिट्टी, में ही, मिल जाएगा,
हरि, राम, नाम, संग जाएगा ।
सब, यहीं, पड़ा, रह जाएगा...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल