रे भज मन राम नाम अति प्यारा,
राम नाम से ही साँसों का गूँज रहा इक तारा,
अन्तर मन में जब भी तेरे घोर निराशा छाए,
कुछ ना सूझे कुछ ना बुझे ,मनवा भी अकुलाए,
राम नाम का दीप जला फिर,
फैले घट उजियारा,,, रे भज मन
निर्बल के बल राम जगत में, ये संतों का कहना,
क्यूँ खुद को कमज़ोर समझना ,उलझे उलझे रहना,
सौप दे नैया उसके हाथों,
वो ही खेवन हारा,,, रे भज मन
वाद विवाद में अपनी जीभा,दिन रात उलझाए,
इस जीभा से प्राणी क्यूँ ना राम नाम तू गाए,
कानों से भी रस लेकर के
निंदा सुनें दिन सारा, रे भज मन
गायिका--- मीनाक्षी मुकेश
रचना व संगीत ---- राजकुमार भारद्वाज (m 9034581000)