सुना है इन्कार करते नहीं
किसी की भी निराश करते नहीं
द्वार पे जो आये कोई झोली फैलाये कोई
भरते हैं झोली उसकी श्याम धणी
तेरी महिमा हमने है सुनी
सुनते हैं सबकी श्याम धणी
दर है तेरा प्यारा श्याम
हारे का तू सहारा श्याम
जग से हम भी हैं हारे
हम को भी अपना लो श्याम
दे दो ना दर्शन हमको घडी दो घडी श्याम धणी
मैंने सबसे सुना है सांवरे
दुखियों को तू लगता है गले
फसी भवर में हैं नैय्या
पार लगादो सांवरिया
कितना हम अब धीर धरे
डूब ना जाये ये नैय्या
बांह पकड़ लो बी ए.बी.ए. अब तो मेरी श्याम धणी
कबसे अर्ज़ी सुनाऊँ मैं तुम्हे
बाबा बाबा पुकारू मैं तुम्हे
अब तो आ जाओ मेरे श्याम
साँसों में है बस तेरा नाम
मनमोहन ना देर करो
है इक आस तुम्हारी श्याम
राजीव भक्तों की अब कार्डो भली श्याम धणी
सुना हैं इन्कार करते नहीं.............