जय बुलाता चल बाला की
जय बुलाता चल ओ भक्ता रे
बालाजी के चरणों में मिलता मुक्ति फल
सालसर में है तेरा धाम निराला
मेहनदीपुर में आके तूने डेरा डाला
नाभि से बहती है अमराट की धार
बाला तेरे चरणों में स्वर्ग का द्वार
ओ भक्तो तेरे स्वर्गा का धार
ओ भंदू रे बालाजी की
करनी है भक्ति तो अटल
जय बुलाता चल बाला की
जय बुलाता चल ओ भक्ता
राम लखन के हो तुम हो मान बसिया
रामजी की भक्ति के तुम रंग रसिया
राम के काज बनाए तुमने
लखन के प्राण बचाए तुमने
ओ भक्ता रे नाम जो जपेगा हो जाए सफल
जय बुलाता चल बाला की
जय बुलाता चल ओ भक्ता
नाचते गाते बाला धाम तेरे आए
सवा मानी बाला तुझको भोग लगाए
चंदन करे सदा तेरा गुणगान
चर्नो में रहने का देना वरदान
ओ बाला देना वरदान
भक्ता रे नाम लेले आज ही
किसने देखा कल
जय बुलाता चल बाला की
जय बुलाता चल ओ भक्ता