मुझे रोज़ रोज़ ऐसे यूँ सताया ना करो
मेरा माखन चुरा के श्याम खाया ना करो
करके बहन रोज़ घर मेरे आते हो
खुद भी आ जाते हो और ग्वालों को ले आते हो
ग्वालों संग शोर मचाया ना करो
मेरा माखन चुरा के श्याम खाया ना करो
सास मेरी रोज़ रोज़ मुझको सताती है
देवर संग देवरानी अँखियाँ दिखाती है
ऐसे में तुम माखन लुटाया ना करो
मेरा माखन चुरा के श्याम खाया ना करो
छोड़ दे ये आदत नहीं तो राधे को बतलाऊँगी
मैया पास जाके तुझे दांत लगवाउंगी
प्यारी प्यारी बातों से बहलाया ना करो
मेरा माखन चुरा के श्याम खाया ना करो