मेरे सँवारे मुझको देदो सहारा,
हु मायूस मैंने तुझको पुकारा,
मैं करता हु कोशिश न कोई भी रूठे,
मेरी बातो से दिल किसी का न टूटे,
मैं अपनों की खातिर ये जीवन लुटा दू,
मगर मुझको अपनों ने कन्धा विसारा,
मेरे सँवारे मुझको देदो सहारा,
हु मायूस मैंने तुझको पुकारा,
मैं कहता नहीं की बुरा है ज़माना,
मगर मैं हु पागल कितना स्याना,
जोड़े यहाँ सब ने है मतलब के रिश्ते नहीं स्वार्थ के बिन यहाँ भाई चारा,
मेरे सँवारे मुझको देदो सहारा,
हु मायूस मैंने तुझको पुकारा,
मैं किसको पुकारू मैं किस को भुलाऊ,
बता दे ये दुखड़ा मैं किस को सुनाऊ,
फसा हु ववर में अब मैं तो कन्हियाँ दिखाये,
यहाँ कौन तुम बिन किनारा,
मेरे सँवारे मुझको देदो सहारा,
हु मायूस मैंने तुझको पुकारा,