पर्व क्या सुहाना है मेरी आंबे ज्वाला का,
हर कोई दीवाना मेरी आंबे ज्वाला का
उनकी प्यारी चौकठ से कोई न गया खाली,
हीरे मोती का खजाना है मेरी आंबे ज्वाला का,
पर्व का सुहाना है मेरी आंबे ज्वाला का,
दरबदर मैं क्यों भटकु पर्व ये हकीकत है,
जिसने राज जाना है मेरी आंबे ज्वाला का,
पर्व का सुहाना है मेरी आंबे ज्वाला का,
मनमोहन की किसमत का खुल गया है दरवाजा,
आधी शक्ति का घराना है मेरी आंबे ज्वाला का,
पर्व का सुहाना है मेरी आंबे ज्वाला का,