परवाह नहीं है मुझको,
चाहे जैसे भी हों हालत,
माता रानी की कृपा से,
बन जाती है हर बात....
शिशु सकल जगत है,
जगत जननी वही हैं मात,
ममतामयी हैं आंचल जिनका,
लुटाती हैं स्नेह की सौगात,
माता रानी की कृपा से,
बन जाती है हर बात,
परवाह नहीं है मुझको......
मुँह फेर कर जब अपने,
निभाना छोड़ देते हैं साथ,
संकट की उस घड़ी में,
थाम लेती हैं तब हाथ,
माता रानी की कृपा से,
बन जाती है हर बात,
परवाह नहीं है मुझको.....
आरजू है बस यही है,
गुणगान आपके मैं गाऊँ,
चरणों में शीश हो मेरा,
सदा आशीष आपका पाऊँ,
दया निधान हो आप ही,
आप ही हो दीनानाथ,
माता रानी की कृपा से,
राजीव बन जाती है हर बात,
परवाह नहीं है मुझको.......
©राजीव त्यागी