गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है,
जिसके लिए ये सदियों से कायनात तरस रही है,
गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है,
मैं बिगाड़ने में शातिर तुम सवार ने में माहिर,
तेरी करनी पे फ़िदा हु तभी अध् हरष रही है
गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है,
भटकन को आ मिटाया जग जाल से छुड़ाया,
रोशन किया ये जीवन रेहमत गरज रही है,
गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है,
सजदा करू मैं हर दम दुःख दर्द बचा न गम,
पागल किया गोपाली बंदगी सरस रही है,
गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है,