आद गुरे नम्हे, जुगाद गुरे नम्हे,
सतगुरे नम्हे, श्री गुरुदेवे नम्हे,
किनका एक किनका जिस जी बसावे,
ताकि महिमा गनी ना आवे, महिमा गनी ना आवे,
किनका ........
वाहेगुरु वाहेगुरु॥॥
सिमरो सिमर सिमर सुख पाओ,
कल क्लेश तन माध मिटाओ,
किनका एक किनका....
सिमरो जास वसंभर एके,
नाम जपत आगंत अनेके,
किनका........
वेद पराण सिमरत सुध्याकार,
तिने राम नाम एक आखर,
किनका.....
काकी एके दरस तु्हारो,
नानक उन संग मोह उतारो,
किनका एक किनका....
सौरभ सोनी
सरिया, गिरिडीह
झारखंड।।
8210062078