माँ की खातिर मैं सारा जगत छोड़ दू,
इसके चरणों से उतना द्वारा नहीं,
माँ अगर मेरी नजरो के आगे रहे,
मन के मंदिर में इसको वसाता रहु,
अपने पलको से चुन चुन के कांटे सभी,
इसकी राहो में कलियाँ विछाता रहु,
अपने भक्तो पे ममता लुटाती है तू,
माँ तुम्ही तो ममता की तस्वीर हो,
माँ बना ती हो बिगड़ा मुकदर तुम्ही,
अपनी भगतो की तुम ही माँ तकदीर हो,
तुम युही ममता मुझपर लुटाती रहो,
अपना जीवन मैं तुझपे लुटाती रहु,
मनसा रानी जो आने का वादा करो,
मैं युही रोज कुटियाँ सजा ती रहु,
आधी शक्ति है तू मेरी भगति है तू,
मैं हु पापी अगर करुणा दानी है तू,
सब की पालक है मनसा महामाई तू,
रानी महारानी माँ मनसा प्यारी है तू,
मन ये चाहे मेरा तेरे दरबार में बस भजन तेरे दिन रेन गाती रहु,
मनसा रानी जो आने का वादा करो,
मैं युही रोज कुटियाँ सजा ती रहु,