परलों घोर बिपैत में उबरै के नय अछि आस

परलों घोर विपैत में उबरय के नय अछि आश,
अइलों अहाँ शरण में माँ करबय नय निराश,
परलों घोर विपैत में....

ककरा कहबय के पतियैतय,
जकरा कहबय से लोलियैतय,
स्वार्थ भरल दुनियां में नय दय कियो केकरो साथ,
अइलों अहाँ शरण में......

बेटा अहाँ के जौं बोरैतय,
सगरो दुनियाँ हंशी उरैतय,
माँ के रहैत बेटा के आँखि में नोरक वास,
अइलों अहाँ शरण में......

बोझ विपैत के आब जौं हेतै,
माँ के अछैत पुत्र टुगर कहेतय,
भावना लिखल ई दुखड़ा सुखपुरिया लगौने आश,
अइलों अहाँ शरण में......
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