देखु मैं जिधर तुम नज़र आते हो मुरली वाले
मैंने तन मन अर्पण किया जीवन तेरे हवाले
प्रेम का ये बंधन कान्हा टूट ना जाये इसे रखना संभाले
देखूं मैं जिधर ............
चंचल अदाएं पागल बनाये नींद गंवाई मैंने चैन गंवाए
मुस्कान प्यारी तेरी नैन काले काल केश घूंघर वाले
देखूं मैं जिधर ............
प्रेम तेरा मुझ पर बोल रहा चढ़ कर
तेरे ही ख्यालों में मैं रहती बेखबर
फिरती रहूं खुद को तेरे सांचे में वाले मुझे कौन संभाले
देखूं मैं जिधर ............
बन गई मैं जोगन प्रेम की रोगन
महलों से प्यारा मुझको श्याम धन
श्याम नाम ओढ़ चुनरिया गाऊं मैं कुंदन तू भी रटन लगा ले
देखूं मैं जिधर ............