मेरे कान्हा कृष्ण मुरारी सुन लो इतनी अर्ज हमारी करदो पार जी,
खड़े तेरे दवार जी,
सच्ची श्रद्धा भाव से जो भी तेरी शरण में आये,
हारे का तेरा नाम सहारा सब को गले लगाए,
वो तो मर के भी ना मरता यो है तेरे नाम से करता सच्चा प्यार जी खड़े तेरे द्वार जी,
मेरे कान्हा कृष्ण मुरारी सुन लो इतनी अर्ज हमारी करदो पार जी,
खड़े तेरे दवार जी,
मैंने तो बस मोहन तुम को आपने मान लिया है,
करदी तूने मुझपे किरपा ये एहसान कियाँ है
भगति की ये लगन लगा दी मेरे मन में ज्योत जगा दी मिटा अन्धकार जी खड़े तेरे द्वार जी,
मेरे कान्हा कृष्ण मुरारी सुन लो इतनी अर्ज हमारी करदो पार जी,
खड़े तेरे दवार जी,
शरण तुम्हारी आन पड़ी है ये चंचल बंजारा,
फौजी सुरेश का तेरे नाम बिन होता नहीं गुजारा ,
इक वृन्दावन मथुरा जाये दूजे के मन को भये खाटू धाम जी खड़े तेरे द्वार जी,
मेरे कान्हा कृष्ण मुरारी सुन लो इतनी अर्ज हमारी करदो पार जी,
खड़े तेरे दवार जी,