तुझको सोचूँगा तो सँवर मैं जाऊँगा,
बिन तेरे मेरे मोहन किधर जाउगा,
तुझको सोचूँगा तो सँवर मैं जाऊँगा,
प्रेम इतना जो कान्हा आने लगा है ,
तू दीवाना मोहन बनाने लगा है,
रह न पाउगा मोहन मैं तो मर जाउगा,
बिन तेरे मेरे मोहन किधर जाउगा,
तुझको सोचूँगा तो सँवर मैं जाऊँगा,
सपना सुहाना तूने दिखा जो दिया है,
मन को मेरे जो तूने चुरा जो लिया है,
तुझको देखे बिना अब न रह पाउगा,
छोड़ कर तेरी चौकठ किधर जाउगा,
बिन तेरे मेरे मोहन किधर जाउगा,
तुझको सोचूँगा तो सँवर मैं जाऊँगा,