होरी आयी रे श्याम मेरी सुध लीजो,
मैं हु सास नन्द के वस् में,
मेरी गलियां में फेरा दीजियो,
होरी आयी रे श्याम मेरी सुध लीजो
खेलन को आईया मेरे अंगना,
मेरे जोबन को कछु रस लीजियो,
होरी आयी रे श्याम मेरी सुध लीजो
पुरषोतम प्रभु की छवि निरखे,
अपने जिहरा से लिपटा लीजियो,
होरी आयी रे श्याम मेरी सुध लीजो