हमारे साथ दो पल तुम बिता लो गे तो क्या होगा
हमे नजदीक तुम अपने बिठा लो गे तो क्या होगा,
तुम्हारे रास्ते पे हम बिछाये खुद को बैठे है,
उठा कर के हमे सीने लगा लो गे तो कया होगा
हमे नजदीक तुम अपने बिठा लो गे तो क्या होगा
ना मेरे कर्म अच्छे है ना मेरे भाव सच्चे है,
मगर फिर भी हमे बाबा,निभालोगे तो क्या होगा,
हमारे साथ दो पल तुम बिता लो गे तो क्या होगा
मेरी दीवानगी बाबा देखावा सोचती दुनिया,
अगर सच से जरा पर्दा हटा दोगे तो क्या होगा,
हमारे साथ दो पल तुम बिता लो गे तो क्या होगा
मैं प्यासा हु जामने से तलब है प्यार की तेरे,
मेरी इस प्यास को माधव बुजा दोगे तो क्या होगा,
हमारे साथ दो पल तुम बिता लो गे तो क्या होगा