हरे रामा कृष्ण बने मनिहार, पहिनि के साडी रे हारी,
पहिनि के साडी रे हारी, पहिनि के साडी रे हारी ।
हरे रामा कृष्ण बने मनिहार, पहिनि के साडी रे हारी ॥
हरे रामाअपने महल से राधा बोलय हे रामा,
कि इधर आओ मनिहारी पहिनब हम साडी रे हारी ,
पहिनि के साडी रे हारी,पहिनि के साडी रे हारी ।
हरे रामा कृष्ण बने मनिहार, पहिनि के साडी रे हारी ॥