कान्हा तुम्हें पाने को जी चाहता है,राधे राधे गाने को जी चाहता है:
कान्हा तुम्हें पाने को जी चाहता है,
दिल से लगाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कान्हा बिराजै बृंदाबन में,
बृंदाबन आने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ,
भाग जगा है जमुना जी का,
गोता लगाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
जादू भरे मोरे कान्हा के नयना,
नयना लड़ाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मधुर मधुर मुस्काये मेरा कान्हा,
चरण रज पाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मधुर मुरलिया कान्हा छेड़े,
सब कुछ लुटाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
भव से पार लगा दो मेरे कान्हा,
तुझी में समाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कान्हा तुम्हे पाने को जी चाहता है,
दिल से लगाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
रचना: ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी