साधो भाई सतगुरु सैन बताई,
ओरा ने केवु कोई नही समझे ,समझेला गुरुमुखी जोई
गले नही बले सूखे नही कमलावे ,हरि बेल सदाई,
गूंगा की बात ने गूंगों जाणे ,होटा से होट मिलाई,
परणी पिऊ के संग लागे प्यारी ,मस्त रेवे मन माही,
कवांरी भेद जाणे नही पिऊ का, सुण सुण कर तरसाई,
आप अलख खलक रचाया, महिमा वेद सुनाई,
गुप्त प्रकट सतगुरु बोले ,भाग से कोई नर पाई,
गोकुल स्वामी सतगुरु देवा ,सो मेरे मन भाई,
लादूदास आस गुरु की, या ही अर्ज सुनाई,
भजन गायक - चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी
89479-15979