बोले बोले रे राम चिरैया रे
बोले रे राम चिरैया।
मेरी साँसों के पिंजरे में
घड़ी घड़ी बोले।
घड़ी घड़ी बोले।
बोले बोले रे ...
ना कोई खिड़की ना कोई डोरी।
ना कोई चोर करे जो चोरी
ऐसा मेरा है राम रमैया रे।
बोले बोले रे ...
उसी की नैया वही खिवैया।
लहर रही उसकी लहरैया।
चाहे लाख चले पुरवैया रे।
बोले बोले रे ...