पल पल तेरे साथ मैं रहता हु,
डरने की क्या बात जब मैं बैठा हु,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हु,
क्या हो गया जो ये अनजान रहे है,
मंजिल पर तेरी मेरी निगाहें है,
आगाज मैं तेरा अंजाम मैं तेरा,
पढ़ले नसीबो पे है नाम इक तेरा,
बिगड़ी बनाने को खड़ा श्याम है तेरा,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हु,
क्यों आस में घूमे जग के फ़रेबो में विश्वाश क्यों ढूंढे,
मैंने संभाला है मैं ही संबालुगा तेरी हर मुसीबत से,
तुझको निकालूँगा तेरी तमाना को तकदीर बना दूंगा,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हु,
तुझपर हमेशा है निगरानिया मेरियाँ,
टिकने न वाली है परेशानिया तेरी ,
रंग सारे ये मेरे रंगो में ढलता जा,
पग डंडियां मेरी तू वेखोफ बढ़ता जा,
सुन ठोकरे बोले गोलू संबलता जा,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हु,