चलो मन गंगा यमुना तीर
गंगा यमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा यमुना तीर
बंसी बजावत गावत कान्हा,संग लिए बलवीर,
गंगा यमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा यमुना तीर
मोर मुकट पितामभर सोहे कुंडल छलकत ही
गंगा यमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा यमुना तीर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर चरणों पर है शीर
गंगा यमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा यमुना तीर