जय बजरंगी जय हनुमान,
रन भूमि आधी पति महा बलबान,
तुम्हारी गाथा जग में महान,
जय बजरंगी जय हनुमान,
शत्रु विनाशक संकट नाशक राम धुत भजो सुबहो शाम,
श्री राम राम जपो राम राम रघु राजा राम श्री राम
दुःख विस्रावे मंगल वाड़ी पतझड़ सा हो प्रभु विद्या ग्यानी,
मधुर मधुर झरे दया और करुणा अवरच तेरा जगे भले मनोकामना,
साधु संत रचे तब जनहित कथन को करदे वो युग की विणा,
श्री राम राम जपो राम राम रघु राजा राम श्री राम
प्रचंड प्रातप तेज भयंकर रूपा थर थर असुर रूप भुत पीताश,
वो ही मनोहर चातरू लीला पुलकित तीर्थ पुर सजे मति मिला,
श्रद्धा भी द्वीप दीप उज्वल मंगल सनी कष्ट हरो जीवन करो दान,
श्री राम राम जपो राम राम रघु राजा राम श्री राम