राधे राधे राधे राधे राधे राधे,
करदो किरपा की कोर,
लाड़ली देख लो मेरी और,
जन्म जन्म से भटक रहा हु अब तो शरण लगा लो ,
जीवन नैया डूभ न जाए इसको पार लगा दो,
करदो किरपा की कोर लाड़ली देख लो मेरी और,
तुम बिन राधे इस नैया को कौन किनारा देगा,
तेरी किरपा न होगी तो कौन सहारा देगा ,
करदो किरपा की कोर लाड़ली देख लो मेरी और,
तेरे दर को छोड़ के राधे की के दर मैं जाऊ,
इस दुनिया में कौन है सुनता दिल की जिसे सुनाऊ,
बस मन में वसी इक चाह यही श्री राधे राधे पुकारा करू,
हर प्रेम का जल बिन पातर मैं बन पंकज रोज पखारा करू,
बिठला के मैं उन्हें मन मंदिर में कद पंकजा से पखारा करू,
यही अभिलाष मेरी किशोरी,
नित चरणों में जीवन गुजारा करू,