जन्म दिन कान्हा जी का आया

जन्म दिन कान्हा जी का आया,
सबने मिल के झूला झुलाया ओ दर पे देखो कान्हा के भक्तो ने मेला लगाया,
हो मेरा कान्हा मुरली वाला भक्तो के मन भाया है,
सांवली सूरत वाला भक्तो के संग मुस्काया है,
हो मेरा कान्हा मुरली वाला भक्तो के मन भाया है,

काल कोठरी में बंद करके रोका बड़ा सिपाहियों ने,
खुल गए सारे ताले सो गये नींद की गहराइयो में,
यमुना ने दर्शन पा के खुद को धन्य बनाया है,
हो मेरा कान्हा मुरली वाला भक्तो के मन भाया है,

मोर पंख है मुकट पे साजे मंद मंद मुस्काये है,
यमुना जी के तट पे कान्हा मुरली मधुर भजाये है,
मेरा शिव शंकर केलशी तेरे दर्शन करने आया है,
हो मेरा कान्हा मुरली वाला भक्तो के मन भाया है,

करता सब तू है मेरे कान्हा नाम तेरा हो जाता है,
सुभाष दीवाना जो भी लिखता कान्हा तू लिखवाता है,
बाजी केसरी मेरे कान्हा तेरे दर्शन करने आया है,
हो मेरा कान्हा मुरली वाला भक्तो के मन भाया है,
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