भक्ति में शबरी ने श्रीराम को पाया था
भक्ति में प्रहलाद ने श्री कृष्ण को पाया था
कौन सी ऐसी भक्ति करु मैं मेरे घर गुरु आए
मैं ही मीरा मैं ही शबरी राम श्याम बन आओ
ओ गुरुवर आ जाओ ओ दर्श दिखा जाओ
ओ गुरुवर आ जाओ ओ दर्श दिखा जाओ
मैंने तुमसे गुरुवर एक बात छुपाई है
मन की बेरी में गुरुवर तेरी छवि छिपाई है
बिछड़ जो जाऊं मैं जो गुरुवर साथ देना तुम
मैंने तुमको अपना माना ध्यान जरा तुम देना
ओ गुरुवर आ जाओ ओ दर्श दिखा जाओ
ओ गुरुवर आ जाओ ओ दर्श दिखा जाओ।
संगीतकार:-पुष्कर जैन राज मुम्बई