लाज रखो हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी
कहता है खुद को बलशाली खिंच रहा
खिंच रहा अबला की साड़ी
लाज रखों हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी
मैं समझी थी एक है अंधा यहाँ तो अंधी
यहाँ तो अंधी सभा है सारी
लाज रखों हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी
अब मैं आस करूँ कहो किस पर सबके सब
सबके सब बैठे है जुआरी
लाज रखों हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी
सर निचे करके बैठे है वही गदा वही
वही गदा वही गांडीव धारी
लाज रखों हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी
लाज रखो हे कृष्ण मुरारी हे गिरधारी हे बनवारी
हे गिरधारी हे बनवारी लाज रखों हे कृष्ण मुरारी