दो दिन में कोण सा तेरा झुंझुन भागे से

दो दिन में कोण सा तेरा झुंझुन भागे से,
सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से,

तने तो घर पर आना से कौन सा मुहरत करवाना से,
शिंगशान कौन ले जा तेरा पाशा दरबार लगाना से,
व्यापार करे कौन सा जो तेरा घाटा लागे से,
दो दिन में कोण सा तेरा झुंझुन भागे से,

सवारी कौन सी लानी से तने उधार में दादी,
जो तेरी सिंह सवारी है खड़े बेकार में दादी,
अगर काम नहीं आवे आने क्या ताहि राखे से,
सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से,

मेरे परिवार से मैया के तेरा मेल करना से,
के कुन सा काम करवाना से के कुनसा खेत जोतना से,
कर लीजिये आराम तेरा कमरा राख्या से,
सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से,

परायो संजो घर मेरो के तू इक काम कर मइयां,
के घर को पतो बनवारी तू तेरे नाम कर मइयां,
इ बात को धोखो माँ क्यों दिल में राखे से,
सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से,
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