नन्हा सा फूल हु मैं चरणों की धुल हु मैं
आया हु मैं तो तेरे द्वार ओ मैया मेरी पूजा करो सवीकार,
मैं तो निरगुनिया हु बस इतनी बात है मेरे जीवन की डोरी अब तेरे हाथ है
थोडा सा गुण मिल जाए निर्धन को धन मिल जाए
मानु तुम्हारा उपकार,
ओ मैया मेरी पूजा करो सवीकार
सुन लो हमारी अर्जी मुझको कुछ ज्ञान दो जीवन को जीना सिखु ऐसा वरदान दो
सूरज की शान पाऊ चंदा सा मान पाऊ इतना सा देदो उपहार
ओ मैया मेरी पूजा करो सवीकार