हाल सुनलो मेरा तुम अगर सँवारे,
हरसि आयेगी तेरी नजर सँवारे,
हु गरीबी का मैं तो सताया हुआ,
मेरी लेता नहीं क्यों खबर सँवारे,
हाल सुनलो मेरा तुम अगर सँवारे,
जीकर तुम से मैं अपना करू भी तो क्या,
टुकड़े टुकड़े सिये तो ये जामा बना,
हाल इस से बुरा किसी का भी क्या,
इस जमाने का मैं तो सुदामा बना,
मैं तो वो शाख हु टुटा जो ढाल से,
बदतो सा हो गया मैं बिखर सँवारे,
हाल सुनलो मेरा तुम अगर सँवारे,
पाया कुछ भी नहीं अब तलक सँवारे,
चीज अपनी सदा देखि खोते हुए,
हार कर के पुकारा तुझे सांवरे,
उम्र गुजरी सदा मेरी रोते हुये,
अब निकालो प्रभु दुःख के कांटे सभी और मुझमे नहीं है सबर सँवारे,
हाल सुनलो मेरा तुम अगर सँवारे,
हो सके तो दया इतनी करना प्रभु,
सब के आगे न फैले ये हाथ मेरे,
साथ तेरे कोई हो न हो एह प्रभु,
पाउ माधव सदा तुझको साथ तेरे,
फेरो नजरे कर्म अपनी इस दास पे करदो जीवन ये मेरा बसर सँवारे,
हाल सुनलो मेरा तुम अगर सँवारे,