मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया
चालो चालो खाटू धाम मेला फागण का है आया
रंग गुलाल अबीर लाया लाया भर पिचकारी
होली खेलूंगा मैं तो तेरे संग श्याम बिहारी
आज ना छोडू तुझको बाबा रंग दूँ तेरी काय
चालो चालो खाटू धाम मेला फागण का है आया
धूम मची है खाटू में और सज रहा दरबार
जिसके संग हो सांवरिया उसका हर दिन त्यौहार
कलयुग का ये देव निराला सबके मन को भाया
चालो चालो खाटू धाम मेला फागण का है आया
कहता मोन्टु तुझसे बाबा कर दो ये इंतेज़ाम
हर फागण पे आऊं बाबा मैं तो खाटू धाम
जीतू की भी सुनले बाबा तुझसे कहने आया
चालो चालो खाटू धाम मेला फागण का है आया