कलयुग में साँचा बाबा का नाम है,
पल भर में ये करता भक्तो का काम है,
इस की महिमा न्यारी है कलयुग अवतारी,
कलयुग में साँचा बाबा का नाम है....
रेहमत से इसकी गुजरा चलता है परिवार मेरा ख़ुशी से पलता है,
किरपा करता है श्याम झोली भरता है श्याम,
कलयुग में साँचा बाबा का नाम है...
आखो से आंसू ये देख नहीं पता प्रेमी को अपने ये सीने से लगता,
सिर पे रखता है हाथ हर पल रहता है साथ,
कलयुग में साँचा बाबा का नाम है.....
इसकी शरण में जो हार कर है आया बेटा समज कर मेरा श्याम अपनाया,
सोनी को अपनाया जब शरण तेरी आया,
कलयुग में साँचा बाबा का नाम है......