धुन- भगत के वश में है भगवान
जगत के सर पर जिनका हाथ, वहीं है अपने भोले नाथ ll
*जिन चरणों में, सदा झुकाती ll, सारी दुनियाँ माथ,,,
जगत के सर पर, जिनका हाथ,,,,,,,,,,,,,,
सृष्टि के पालक तुम ही, कुशल संचालक तुम ही,
'तुम्ही हो जग विस्तारक, तुम्ही इसके संघारक' ll
*जिनको पाकर कभी न समझे ll, खुद को कोई अनाथ,
जगत के सर पर, जिनका हाथ,,,,,,,,,,,,,,
हिमालय पर तुम रहते, मार मौसम की सहते,
'गले में सर्प लपेटे, मगन मन रहते लेते' ll
*भूत प्रेत बेताल हमेशा ll, रहते जिनके साथ,
जगत के सर पर, जिनका हाथ,,,,,,,,,,,,,,,,
कृपा सब पर बरसते सभी का मन हरसाते
'भगत जन जब भी तेरे, तेरे सदा जो दौड़े आते' ll
*अनुज देवेंद्र भी पाकर जिनको ll, अब हो गए सनाथ,
जगत के सर पर, जिनका हाथ,,,,,,,,,,,,,,,,
जगत के कण कण में भगवान xll ,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल