डम डम डमरू भजाये शिव शंकर कैलाश पति,
युग युग सोया दीप जलाये शिव शंकर कैलाश पति,
माथे ऊपर तिलक चन्दर माँ पहने नाग की माला,
डमरू की धड़कन पे नाचे श्रिस्ति का रखवाला,
निज भगतन के कष्त मिटाये शिव शंकर कैलाश पति,
युग युग सोया दीप जलाये शिव शंकर कैलाश पति,
जटा जुट सी झरती गंगा भव के ताप मिटाती,
धरती और प्यासे की होगी मियां प्यास भुजाति,
निज किरपा जग पे वरसाये शिव शंकर कैलाश पति,
युग युग सोया दीप जलाये शिव शंकर कैलाश पति,
मंगल कारी नाम है उनका वो है शक्ति दाता,
भव सागर से तर ता है जो शिव नाम है गाता,
मोह माया से मन को छुड़ाए शिव शंकर कैलाश पति,
युग युग सोया दीप जलाये शिव शंकर कैलाश पति,