शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग शीश शशि नाग धरैया,
शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग शीश शशि नाग धरैया।।
उसके द्वार पे ज्योत जलाकर,
शिव का नाम जपा करना,
नयन मूंद कर परमेश्वर का,
मन मे ध्यान किया करना,
उसका रूप निहारो,
उसको हिरदय में धारो,
उसके जैसा नही कोई रखबैया,
शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग शीश शशि नाग धरैया।।
रोरी चंदन फूल माल से,
नित उसका पूजन करना,
नत मस्तक हो शिव के सन्मुख,
हाथ जोड़ वंदन करना,
शिव एक सहारो,
अरे शिव शिव पुकारो,
शिव डमरू बजाए त ता थैया,
शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग शीश शशि नाग धरैया।।
मुँह मांगा वर तुमको देंगे,
ऐसा है बो वरदानी,
नंदी के अशवार प्रभु जी,
संग में गौरा महारानी,
अन्तर्मन में रे धारो,
भोले भोले उचारो,
राजेंद्र कहती है हर पल पुरबैया,
शिव शिव शिव शिव बोलो मेरे भैया,
गंग शीश शशि नाग धरैया।।
गीतकार/गायक-राजेंद्र प्रसाद सोनी