हे रे खाटूवाला रे तेरे दर पर रौनक हो रही सी,
पितर मोर पहियाँ बोले कोयल कु कु कर रही से,
घुमड़ घुमड़ कर बदल गरजे रिमझिम बरसा होली से,
ब्रह्मा विष्णु तने दिहावे शंकर ध्यान लगावे रे,
कित जा बैठाया रे मेरा बाबा तेरी धुन्धम दांडी हो रही से,
कलयुग में खाटू वाले तेरी महिमा भारी से,
भगत भावला दर पे नचे जय बाबा की हो रही से,