हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु

हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु
तेरे होते क्यों बाबा मैं हार जाता हु
हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु

हर कदम पे क्या यु ही मैं ठोकर खाउगा
बस इतना केह दे क्या मैं जीत न पाउगा
तेरी चोकठ पे मैं क्या बेकार आता हु
हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु

क्यों आपने वाधे को तू भुला दिकरा है
हारा हुआ ये सेवक चरणों में पसरा है
तेरा वाधा याद दिलाले तेरे दरबार आता हु
हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु

मेरे साथ खड़ा हो जा बस इतना ही चाहू
जीवन की बाजी फिर मैं हार नही पाऊ,
अरमा ये हर्श लिए दरबार आता हु
हर बार मैं खुद को लाचार पाता हु

download bhajan lyrics (708 downloads)