खोल खजाने बैठा रे बाबा लुटा रहा भंडार,
मेरे खाटूवाले के जैसा नहीं होगा कोई दिलदार.....
ये सुनता है सबके दिल की,
बिगड़ी सबकी ये बनाता है,
ये कब किसको क्या दे देगा,
ये कोई समझ ना पाता है,
श्याम धनी मेरा देव है सच्चा,
सच्ची ये सरकार,
मेरे खाटूवाले के जैसा,
नहीं होगा कोई दिलदार.....
ये देखता सबको एक नज़र,
नहीं भेद भाव ये करता है,
है भाव का भूखा श्याम मेरा,
दामन खुशियों से भरता है,
जोड़ता दिल से दिल का नाता,
बांटे सबको प्यार,
मेरे खाटूवाले के जैसा,
नहीं होगा कोई दिलदार.....
है आज दीवाना जग इसका,
चर्चा उसकी दातारी का,
कलयुग में डंका बाज रहा,
मेरे कलयुग के अवतारी का,
कुंदन शरण जो इसकी आया,
कर देता उद्धार,
मेरे खाटूवाले के जैसा,
नहीं होगा कोई दिलदार.....