संत का सत्कार होना चाहिए,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ ।।
संत को पुजो ना पुजो पंथको,
सत्य का आधार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।
संत वो ही जो संत निर्गर्ंथी है,
शांत मन निर्भार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।
नही नफरत को यहाँ स्थान है,
प्रेममय संसार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।
है सभी अपने यहाँ न कोई गैर है,
विश्व ही परिवार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।
ज्योती चंदन जले पावन प्रेम की,
खुला दिल दरबार होना चाहिऐ,
देव सा व्यवहार होना चाहिऐ ,
संत का सत्कार होना चाहिए ।।