सजधज के बैठो लागे सोहवनो जी,
नीले पे हो असवार मिजाजी महारो सांवरियो,
सजधज के बैठो लागे सोहवनो जी,
चांदनी राता में भी चंदो फीको पड़ जावे जी,
जो गुलाभी अधरा से म्हारो सांवरो मुस्कावे जी,
अधरा पे सोहे बांसुरी जी छेड़े बाँट बँटीली तान,
मिजाजी महारो सांवरियो,नीले पे हो असवार
शीश मुकट घुंघराली लट माथे पे लट केसरियो री,
काले काले नैना से कर गयो दामन वो छलियो जी,
मुशा पे ताव आके जोर को नीले पे हो असवार
मिजाजी महारो सांवरियो,नीले पे हो असवार
सतरंगी भागा पे आके गोटा की किनारी जी,
इतर की खुशबु से मेहके गोलू दुनिया सारी जी,
प्यार लुटावे मोको जी म्हारो सेठ बड़ो दिलदार,
मिजाजी महारो सांवरियो,नीले पे हो असवार