दोहा: थारे हाथां सौंप दी, घर की चाबी श्याम,
जद स तू मुखियाबण्यो, मिट गया कस्ट तमाम,
म्हारे घर को मालिक तू है, कोई फिक्कर नहीं म्हाने,
"तू जाने तेरो काम जानें
म्हा पर थारी मर्ज़ी चाले, थारी डोर हिलाइ हाले,
म्हारी नस नस पहचाने, तू जाने तेरो काम जानें ,
कोई विपदा जद आजावे, कदे नहीं तू देर लगावे,
झट आ जावे सलटाने, तू जाने तेरो काम जानें
तेरो भरोसो म्हणे भरी, खिल रही म्हारी फुलवारी,
घणो अचम्भो दुनिया ने, तू जाने तेरो काम जानें,
"रजनी" तेरी प्रेम दीवानी, "बिन्नू" केवे शीश को दानी,
भूल न जाजे तू म्हणे, तू जाने तेरो काम जानें ,