मोर छड़ी श्याम की कमाल करदे
जो भी आये दर पे निहाल करदे
मोर छड़ी सावरे के हाथ मे विराजती
दीन दुखी पापियों की किस्मत सवारती
काल और अकाल को बेहाल कर दे
जो भी आये दर पे निहाल करदे
भक्तो की नैया कैसे पार ये लगता
भटके हुए को कैसे राह ये दिखता
सबके मन मे खड़ा ये सवाल करदे
जो भी आये दर पे निहाल करदे
यारो का है यार श्याम बड़ा दिलदार है
दुष्टो का है काल श्याम प्रेमियों का प्यार है
प्रेमियो पर प्रेम की बौछार कर दे
जो भी आये दर पे निहाल करदे
तीर और कमान की ना कोई दरकार है
मोर छड़ी ही करती सबको भव से पार है
बिरजू तेरे जीवन में धमाल करदे
जो भी आये दर पे निहाल करदे