क्या सोच रहा तू अकेले में इस बार के फागण मेले में,
हाथो में अपने निशान थाम चल श्याम धनि का नाम ले,
जय कार लगा निशान उठा खाटू में मिलेगा मेरा सांवरियां,
हारे का सहारा है बाबा श्याम हमारा है,
जिस ने इसे पुकारा है ये देता हर दम साथ,
तू भी माथा तक जरा चल के खाटू देख जरा,
तेरी बढ़ जाए बिगड़ी बात,
शीश का दानी खाटू वाला भगतो का ये है रखवाला,
श्याम है मेरा रंगरंगीला बाबा है दिल वाला,
अब की वार मन वे ठान चल श्याम धनि का नाम ले ,
जय कार लगा निशान उठा खाटू में मिलेगा मेरा सांवरियां,
लाखो लाखो देता है कभी न कुछ ये लेता है,
कहते है लखदातार देवो में ये देव बड़ा सेठो में ये सेठ मेरा,
जिसपे मेहरबान हुआ भर देता है भण्डार,
मोर छड़ी की इसकी लहराए पल भर में झोली भर जाये,
खाली न लौटा है जो भी दर पे इसके आये,
बाबा की महिमा तू जान ले श्याम धनि का नाम ले,
जय कार लगा निशान उठा खाटू में मिलेगा मेरा सांवरियां,
सौरव मधुकर सोचे क्या चूरमे का थाल सजा,
चल कर खाटू भोग लगा सारा संकट कट जायेगा,
मौका फिर से आया है श्याम धनि ने भुलाया है,
तू समज न पाया है तो बाद में पश्तायेगा,
कर ले खाटू की तयारी छोड़ के सारी दुनिया दारी बाबा के फागण में लेकिन चर्चा है भारी,
समजाओ मेरी बात मान अब श्याम धनि का नाम ले,
जय कार लगा निशान उठा खाटू में मिलेगा मेरा सांवरियां,