अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी,
प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी ,
जाकी अँग-अँग बास समानी ,
प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा ,
जैसे चितवत चंद चकोरा ,
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती ,
जाकी जोति बरै दिन राती,
प्रभु जी, तुम मोती हम धागा,
जैसे सोनहिं मिलत सुहागा,
प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा ,
ऐसी भगति करै रैदासा,