पूजा है तुझको ध्याऊँगा हरदम
मन में बस तू है विश्वाश ना हो ये कम
मेहंदीपुर की महिमा कोई कह नहीं पाता है
सुरनर मुनि जन आदि तेरी आरती गाते हैं
तू तो अवतारी है बाल ब्रह्मचारी है
तू तो अवतारी है
पूजा है तुझको ध्याऊँगा हरदम
मन में बस तू है विश्वाश ना हो ये कम
मेरी ये साँसे तेरे चरणों में निकले
तुझको भजने से श्री राम की शरण मिले
प्यारे बजरंग क्या ये सच है बस इतना कह दे
टूट जाए ना डोरी मेरे स्वांसो की
रख ले तू लाज मेरे विश्वास की
पूजा है तुझको ध्याऊँगा हरदम
मन में बस तू है विश्वाश ना हो ये कम
तेरी हूँ तेरी तू दास मुझे रख ले
मुझको अब बाला तू अपनी शरण में ले ले
साड़ी उम्र है मुझको तेरे चरणों में रहना
तू जागा दे सोइ जो किस्मत मेरी
छह मन में राम मिलन की कर दे पूरी