तेरी दया से चलता मेरा व्यपार बाला जी
मैं जिंगदी भर न भूलू तेरा उपकार बाला जी
इक टाइम था कुछ भी न था मेरे पास में
फिर तेरी शरण में आया था करके विश्वाश मैं
तने इतना दिया मैं गिन गिन के लिया हार बाला जी
मैं जिंगदी भर न भूलू तेरा उपकार बाला जी
सब चीजा की मौज में रेहना क्या हा घाटा
अज मेरे साथ में मीटिंग करे अम्बानी और टाटा
तेरी दया से भरे रहे भंडार बाला जी
मैं जिंगदी भर न भूलू तेरा उपकार बाला जी
इक खासियत देख लई से मने तो तेरी
भगता ने देवन में बाबा करे नही देरी ,
मने बिन मांगे ही देता है हर बार बाला जी
मैं जिंगदी भर न भूलू तेरा उपकार बाला जी
भीम सेन कहे तने बाला जी चाडे पाड दिए
दुःख के पर्चे जितने थे वो सारे फाड़ दिए
तेरा लख लख शुकर मनावे मेरा परिवार बाला जी
मैं जिंगदी भर न भूलू तेरा उपकार बाला जी