जगमग ज्योत उजारी,
ओ मैया तेरी जगमग ज्योत उजारी।
सूरज चंदा नवल पदार्थ,
जाग्रत ज्योत के हैं सब बालक
मैया तेरी चरण धुल से, हिले फूलन की क्यारी
चरना कमल नूपूर धुन रुनझुन,
गीत भवर गुण गाए धुन धुन
संकट हरनी शुभ गति शुभ मति, पाए सब संसारी
पूरब पछिम उत्तर दक्षिण,
जागर रात उजागर हैं दिन
जय माता की, माती की जय, गावे सब नर नारी