शुक्रिया शुकरियाँ साई का शुकरियाँ,
जो भी मुझको जो भी उसको जो भी सारे जग को दिया है,
इक बार क्या सो बार क्या हर बार शुकरियाँ,
शुक्रिया शुकरियाँ साई का शुकरियाँ,
प्रेम बरसा के मेहरबानी सब पे साई होते है,
बिना इस प्रेम के फल फूल भी कहा खिलते है,
तूने हर सांस पे धड़कन भरी तेरा ये कर्म है,
साई की दया से धरा ये सारा गगन है,
प्रेम बरसा के मेहरबानी सब पे साई होते है
बिना इस प्रेम के फल फूल भी कहा खिलते है,
तूने हर सांस में धड़कन भरी तेरा ये कर्म है,
तू साई की दया से ये दरा सारा ये गगन है
झर झरना कोयल कु पपीहा भी किया है,
इक बार के सो बार शुकरियाँ है,
शुक्रिया शुकरियाँ साई का शुकरियाँ,
कलि को हर निखार छू लिया मालिक की दुआ है,
सरे गुलशन में उड़ती तितलियों ने मन को छुआ है
परिंदे आसमान को रोज ही नापे है मगन हो
करिश्मा कर रहा है ठंडा पानी गर्म अगन को,
कलि को हर निखार छू लिया मालिक की दूर है,
सेर गुलशन में उड़ती तितलियों ने मन को छुआ है,
परिंदे आसमान को रोज ही नापे मगन हो,
करिश्मा कर रहा है ठंडा पानी गर्म अगन को,
साई उपकार करे हा करे धड़काये जिया है,
इक बार के सो बार शुकरियाँ है,
शुक्रिया शुकरियाँ साई का शुकरियाँ,
श्याम मीरा को देखा शिरडी में अम्बा को भी देखा,
मोह मदिया इलाही को शिवा ब्रह्मा को भी देखा,
यही मंदिर यही मस्जिद यही दुनिया के गुरुद्वारे,
चले आये भटक कर शिरडी में इंसान वेचारे
श्याम मीरा को देखा शिरडी में अम्बा कोई भी देखा,
मोह मदिया इलाही कोष ब्रह्मा को भी देखा,
यही मंदिर मस्जिद यही दुनिया के गुरुद्वारे,
चले आये भटक शिरडी में इंसान वेचारे
नाथ भक्ति साई शक्ति पे इतवार कर दियां है
इक बार के सो बार शुकरियाँ है,
शुक्रिया शुकरियाँ साई का शुकरियाँ,