साईं की भगती से मिलती है शक्ति करके तो देखो जरा
साईं की याद में आँखों में आंसू भर के तो देखो जरा
भारी से भारिया कष्ट टल जाता है,
सांसो की लेह पे तेरा नाम मैं गाता हु
दुनिया में सबसे निराला सुख मैं पा जाता हु
होंसला मेरा मन में बढ़ जाता है
भारी से भारिया कष्ट टल जाता है,
नाम अमृत है तेरा मेरा साईं राम जी
गाती है धडकन मेरी सुबह और श्याम जी
पल में मुश्किल का चल के हल आता है
भारी से भारिया कष्ट टल जाता है,
धुल के कं को देखो वेवर बना दियां
कलयुग में अपनी शक्ति का तेवर दिखा दिया
दुःख ये संजीव का शन में जल जाता है
भारी से भारिया कष्ट टल जाता है,